What is Memory (मेमोरी क्या हैं?)
“किसी भी निर्देश, सूचना, अथवा परिणामों को Store करके रखना मेमोरी कहलाता हैं।”
तो Hello 🤗 दोस्तों आज हम बात करने वाले है Computer Memory क्या है ? यह Device Input Device के द्वारा प्राप्त निर्देशों को Computer में संग्रहण (Store) करके रखता है इसे Computer की यादास भी कहाँ जाता है। मानव में कुछ बातों को याद रखने के लिये मष्तिस्क होता है, उसी प्रकार Computer में डाटा को याद रखने के लिए मेमोरी (Memory) होती हैं। यह मेमोरी CPU का अभिन्न अंग है,इसे Computer की मुख्य मेमोरी (Main memory), आंतरिक मेमोरी (Internal Memory), या प्राथमिक मेमोरी (Primary Memory) भी कहते हैं !
कंप्यूटरो में एक से अधिक मेमोरी होती है हम उनको सामान्यतः प्राथमिक (Primary) व द्वितीयक (Secondary) मेमोरी के रूप में वर्गीकृत कर सकते है प्राथमिक मेमोरी अस्थिर (Volatile) तथा स्थिर (Non-Volatile) दोनों प्रकार कि होती है| अस्थिर मेमोरी (Temporary Memory) डेटा को अस्थाई रूप से कंप्यूटर ऑन होने से लेकर कंप्यूटर बंद होने तक ही रखते है अर्थात कंप्यूटर अचानक बंद होने या बिजली के जाने पर कंप्यूटर से डाटा नष्ट हो जाता है स्थिर मेमोरी (Permanent Memory) आपके कंप्यूटर को प्रारंभ करने में सहायक होती हैं। इसमें कुछ अत्यंत उपयोगी फर्मवेयर होते है जो कंप्यूटर को बूट करने में मदद करते है बूटिंग कंप्यूटर को शुरू करने कि प्रक्रिया को कहा जाता है इसे मुख्य मेमोरी कहा जाता हैं। द्वितीयक संग्रहण वह है जो हमारे डाटा को लंबे समय तक रखता है द्वितीयक संग्रहण कई रूपों में आते हैं। फ्लोपी डिस्क, हार्ड डिस्क, सी.डी. आदि।
बिट अथवा बाइट (Bit Or Byte)
मेमोरी में स्टोर किया गया डाटा 0 या 1 के रूप में परिवर्तित हो जाता है 0 तथा 1 को संयुक्त रूप से बाइनरी डिजिट कहा जाता हैं। संक्षेप में इन्हें बिट भी कहा जाता हैं। यह बिट कंप्यूटर कि मेमोरी में घेरे गे स्थान को मापने की सबसे छोटी इकाई होती हैं।
मेमोरी के प्रकार (Types of Memory)
प्राइमरी मेमोरी (Primary Memory)
सेकंडरी मेमोरी (Secondary Memory)
प्राइमरी मेमोरी (Primary Memory)
Memory कंप्यूटर का सबसे महत्वपूर्ण भाग है जहाँ डाटा, सूचना, एवं प्रोग्राम प्रक्रिया के दौरान उपस्थित रहते है और आवश्यकता पड़ने पर तत्काल उपलब्ध रहते है यह मेमोरी अस्थिर मेमोरी होती है क्योकि इसमें लिखा हुआ डाटा कंप्यूटर बंद होने या बिजली के जाने पर मिट जाता है प्राइमरी मेमोरी कहलाती हैं। इसे प्राथमिक मेमोरी या मुख्य मेमोरी भी कहते हैं।
प्राइमरी मेमोरी मुख्य दो प्रकार की होती है –
रैम (RAM)
रोम (ROM)
1. RAM (Random Access Memory)
RAM या Random Access Memory कंप्यूटर की अस्थाई मेमोरी (Temporary Memory) होती हैं। की-बोर्ड या अन्य किसी इनपुट डिवाइस से इनपुट किया गया डाटा प्रक्रिया से पहले रैम में ही संगृहीत किया जाता है और सी.पी.यू. द्वारा आवश्यकतानुसार वहाँ से प्राप्त किया जाता है रैम में डाटा या प्रोग्राम अस्थाई रूप से संगृहीत रहता है कंप्यूटर बंद हो जाने या विजली चले जाने पर रैम में संगृहीत (Store) डाटा मिट जाता हैं। इसलिए रैम को Volatile या अस्थाई मेमोरी कहते है रैम की क्षमता या आकार कई प्रकार के होते है जैसे कि- 4 MB, 8 MB, 16 MB, 32 MB, 64 MB, 128 MB, 256 MB आदि । रैम तीन प्रकार कि होती हैं।
DRAM (Dynamic Random Access Memory)
SRAM (Static Random Access Memory)
- Dynamic RAM
Dynamic RAM को संक्षिप्त में डीरैम (DRAM) कहा जाता हैं। रैम (RAM) में सबसे अधिक साधारण डीरैम (DRAM) है तथा इसे जल्दी जल्दी रिफ्रेश (Refresh) करने कि आवश्यकता पड़ती हैं। रिफ्रेश का अर्थ यहाँ पर चिप को विधुत अवशेषी करना होता है यह एक सेकंड में लगभग हजारों बार रिफ्रेश होता है तथा प्रत्येक बार रिफ्रेश होने के कारण यह पहले कि विषय वस्तु को मिटा देती है इसके जल्दी जल्दी रिफ्रेश होने के कारण इसकी गति (Speed) कम होती हैं।
- Static RAM
Static RAM ऐसी रैम है जो कम रिफ्रेश होती हैं| कम रिफ्रेश (Refresh) होने के कारण यह डाटा को मेमोरी में अधिक समय तक रखता हैं| डीरैम की अपेक्षा एस-रैम तेज तथा महँगी होती हैं।
2 ROM (Read only memory)
रोम का पूरा नाम रीड ऑनली मेमोरी होता हैं। यह स्थाई मेमोरी (Permanent memory) होती है जिसमे कंप्यूटर के निर्माण के समय प्रोग्राम Store कर दिये जाते हैं। इस मेमोरी में Store प्रोग्राम परिवर्तित और नष्ट नहीं किये जा सकते है, उन्हें केवल पढ़ा जा सकता हैं। इसलिए यह मेमोरी रीड ऑनली मेमोरी कहलाती हैं। कंप्यूटर का स्विच ऑफ होने के बाद भी रोम में संग्रहित डाटा नष्ट नहीं होता हैं। अतः रोम नॉन-वोलेटाइल या स्थाई मेमोरी कहलाती हैं। रोम के विभिन्न प्रकार होते है जो निम्नलिखित है –
PROM (Programmable Read Only Memory)
EPROM (Erasable Programmable Read Only Memory)
EEPROM (Electrical Programmable Read Only Memory)
- PROM
PROM का पूरा नाम Programmable Read Only Memory होता है यह एक ऐसी मेमोरी है इसमें एक बार डाटा संग्रहित (Store) होने के बाद इन्हें मिटाया नहीं जा सकता और न ही परिवर्तन (Change) किया जा सकता हैं।
- EPROM
EPROM का पूरा नाम Erasable Programmable Read Only Memory होता है यह प्रोम (PROM) की तरह ही होता है लेकिन इसमें संग्रहित प्रोग्राम (Store Program) को पराबैगनी किरणों (Ultraviolet rays) के द्वारा ही मिटाया जा सकता है और नए प्रोग्राम संग्रहित (Store) किये जा सकते हैं।
- EEPROM
EEPROM का पूरा नाम Electrically Programmable Read Only Memory होता हैं। एक नई तकनीक इ-इप्रोम (EEPROM) भी है जिसमे मेमोरी से प्रोग्राम को विधुतीय विधि से मिटाया जा सकता हैं।
सरल शब्दों में (Summary Words)
किसी भी निर्देश, सूचना, अथवा परिणामों को स्टोर करके रखना मेमोरी कहलाता हैं।
मेमोरी C.P.U का अभिन्न अंग है, इसे Computer की मुख्य मेमोरी (Main memory), आंतरिक मेमोरी (Internal Memory), या प्राथमिक मेमोरी (Primary Memory) भी कहते हैं।
RAM का फुल फॉर्म (Random Access Memory ) रेंडम एक्सेस मेमोरी होता हैं।
RAM रेंडम एक्सेस मेमोरी कम्प्यूटर की अस्थाई मेमोरी होती हैं।
ROM का फुल फॉर्म (Read Only Memory) रीड ऑनली मेमोरी होता हैं।
ROM रीड ऑनली मेमोरी कम्प्यूटर की स्थाई मेमोरी होती हैं।
Conclusion:
हम आशा करते हैं कि यह Post आपको पसन्द आई होगी। इस पोस्ट में आपने जाना Compute memory क्या है। और कितने Types के होते हैं और इनका क्या काम होता है। अगर आपका कोई सवाल हो इस पोस्ट से Related तो हमें नीचे Comment करे मै Reply जरूर दूंगा Thanks for Reading. ☺️!AS
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