Secondary memory क्या है (What is secondary memory in hindi)

सेकेंडरी स्टोरेज डिवाइस कंप्यूटर का एक हार्डवेयर कंपोनेंट है इसे सहायक स्टोरेज डिवाइस भी कहा जाता है। यह कंप्यूटर का एक हिस्सा है जिसे अलग से कंप्यूटर से जोड़ा जाता है। इसमें स्टोर किया गया डेटा स्थायी होता है, यानी कंप्यूटर के बंद होने पर स्टोर किया गया डेटा डिलीट नहीं होता है।

Secondary memory क्या है (What is secondary memory in hindi)



जरूरत के हिसाब से आप भविष्य में इसमें सेव की गई फाइल या फोल्डर को खोलकर देख या सुधार सकते हैं। प्राइमरी मेमोरी के मुकाबले सेकेंडरी मेमोरी की स्टोरेज क्षमता अधिक होती है। सेकेंडरी मेमोरी में फ्लॉपी डिस्क, हार्ड डिस्क, कंपैक्ट डिस्क, ऑप्टिकल डिस्क, मेमोरी कार्ड, पेन ड्राइव, एसएसडी इत्यादि आते हैं।


secondary memory क्या है


Secondary memory का कार्य (work of secondary memory in hindi)



सेकेंडरी मेमोरी का कार्य पर्सनल डेटा, सॉफ्टवेयर डेटा और कंप्यूटर के सभी डेटा को स्टोर करना है, यह डेटा कुछ भी हो सकता है जैसे फोटो, वीडियो, मूवी, गाने, गेम, डॉक्यूमेंट आदि। सेकेंडरी मेमोरी की स्टोरेज क्षमता बहुत अधिक होती है, इसलिए इसमें बहुत सारा डेटा आसानी से स्टोर किया जा सकता है।



सेकेंडरी मेमोरी के प्रकार

Secondary Memory को मुख्य रूप से तीन भागों में वर्गीकृत किया जाता है:


  • Magnetic Disk
  • Optical Disk
  • Flash Memory


1 .Magnetic Disk Storage



Magnetic Disk को कंप्यूटर में एक मुख्य Secondary Memory के रूप में उपयोग किया जाता है। इसमें Metal से बनी एक गोलाकार Plate लगी होती है, जिस पर चुम्बकीय पदार्थ की परत चड़ी होती है। इन्हीं डिस्क प्लेट की सतह पर जानकारी स्टोर की जाती है। Magnetic Disk में इस धातु प्लेट जिसे Platter कहते है के अलावा एक Mechanical Arm भी लगा होता है। इसका काम प्लेटर की सतह में से डेटा को प्राप्त (Read) और स्टोर (Write) करना होता है।



  • HDD (Hard Disk Drive)
  • FD (Floppy Disk)




Hard Disk Drive: इसे कंप्यूटर की प्रमुख डेटा स्टोरेज डिवाइस कहा जाता है। क्यूंकि यह सिस्टम में मौजूद एकमात्र Memory Device है जो ऑपरेटिंग सिस्टम, कंप्यूटर एप्लिकेशन और आपकी डेटा फाइलों को लंबे समय तक स्टोर करके रखती है। जिस कारण इसे Permanent Storage Device भी कहते है। Hard Drive कंप्यूटर केस के अंदर मौजूद होती है और डेटा केबल (PATA, SATA, SCSI) के माध्यम से कंप्यूटर में सिस्टम बोर्ड से कनेक्टेड होती है। आमतौर पर इनकी स्टोरेज कैपेसिटी बहुत अधिक होती है।


Floppy Disk: यह एक Removable Magnetic Disc होती है। जिसका उपयोग 1990 के दशक तक कम्प्यूटरों में मुख्य स्टोरेज डिवाइस के रूप में किया जाता था। हालांकि इसके बाद Optical Drives और Hard Disk ने धीरे-धीरे इसकी जगह लेनी शुरू कर दी। इसे Floppy Diskette भी कहा जाता है। यह एक लचीली Magnetic Disk की बनी होती है जिसे एक वर्ग के आकार के प्लास्टिक केस में फिट किया गया होता है।


अगर Floppy Disk में से जानकारी को Read/Write करना है तो उसके लिये आपके कंप्यूटर सिस्टम में एक Floppy Disk Drive (FDD) लगा होना चाहिये। यही कारण है कि आधुनिक कंप्यूटर में जानकारी स्टोर करने के लिये इनका उपयोग बिल्कुल बंद हो गया है। हालांकि एक कारण और है, कि Floppy Disk बहुत ही कम मात्रा में डेटा स्टोर कर सकती है। एक सामान्य 3.5 इंच डिस्क में मात्र 1.44 MB डेटा ही स्टोर किया जा सकता है।


2 .Optical Disc Storage 



Optical Disc भी एक स्टोरेज माध्यम है, जिसका उपयोग हम कंप्यूटरों में अतिरिक्त Secondary Memory के रूप में करते है। इन Disc का उपयोग आमतौर पर म्यूजिक, वीडियो और सॉफ्टवेयर प्रोग्राम को स्टोर करने के लिये किया जाता है। इनमें डिजिटल डेटा को रिकॉर्ड और पुनःप्राप्त करने के लिये Laser Beam का उपयोग होता है। हालांकि यह Hard Disk के जितना डेटा स्टोर नही कर सकती परन्तु Floppy Disk के मुकाबले इनकी स्टोरेज कैपेसिटी बहुत अधिक होती है।



  • CD (Compact Disc)
  • DVD (Digital Versatile Disc)
  • Blu-ray 



CD (Compact Disc): यह प्लास्टिक से बनी एक गोलाकार disc होती है, जो Optically डेटा को स्टोर करती है। अर्थात इसमें जानकारी को स्टोर और पुनःप्राप्त करने के लिये Light का उपयोग किया जाता है। CDs का उपयोग ऑडियो, वीडियो और एप्लीकेशन को स्टोर करने के लिये होता है। यह Removable होती है, यानी इसे सिस्टम में डाला और हटाया जा सकता है। एक CD में यूजर 700MB तक डेटा रख सकता है।



DVD (Digital Versatile Disc): आमतौर पर इसे Digital Video Disc भी कहा जाता है। यह CD के समान ही होती है। हालांकि इनमें बड़ी मात्रा में डेटा स्टोर किया जा सकता है। इन Disc की स्टोरेज क्षमता 4.7 GB से 8.5 GB तक होती है। मुख्य रूप से High-Definition (HD) वाले वीडियो या मूवीज स्टोर करने के लिये उपयोग होती है।


Blue-ray Disc: यह भी एक प्रकार की Optical Disc है जो आकार में CD और DVD के समान ही होती है। परन्तु इसमे इन दोनों से कई गुना अधिक डेटा स्टोर किया जा सकता है। एक Blue-ray Disc लगभग 25 GB डेटा को रख सकती है। इनमें मुख्य रूप से High-Definition की वीडियो या मूवीज स्टोर की जाती है। चूंकि डेटा को Read करने के लिए Blue Laser का उपयोग होता है, जिस कारण इसे Blu-ray कहा जाता है।



3.Flash Memory Storage



यह एक बेहद ही लोकप्रिय Secondary Memory है, जिनका अधिकतर उपयोग डेटा का Backup रखने के लिये किया जाता है। यह अन्य Memory Device से इसलिए भिन्न है, क्योंकि इसमें डेटा को Electrically स्टोर और डिलीट किया जाता है। आमतौर पर यह एक प्रकार की EEPROM है। चूंकि ये Removable Storage Device है इसलिए इनका उपयोग एक कंप्यूटर से दूसरे कंप्यूटर में डेटा ट्रांसफर करने के लिये भी किया जाता है। आजकल External Memory के रूप में इनका उपयोग बहुत अधिक बढ़ गया है।



  • Memory Card 
  • Pen Drive
  • SSD (Solid-State Drive)



Memory Card: यह एक छोटी Chip होती है, जिसका उपयोग मुख्य रूप से मोबाइल फोन, कैमरा, MP3 प्लेयर और अन्य पोर्टेबल डिवाइस में डेटा रखने के लिए किया जाता है।



Pen Drive: यह एक Portable Storage Device है, जिसका इस्तेमाल ऑडियो, वीडियो और अन्य डेटा फाइल्स को एक कंप्यूटर से दूसरे कंप्यूटर में ट्रांसफर करने के लिए सबसे अधिक किया जाता है। डेस्कटॉप के USB Port मे Pan Drive को लगाकर इसमें मौजदू डेटा को आसानी से एक्सेस किया जा सकता है।


SSD (Solid-State Drive): यह इस जनरेशन की डेटा स्टोरेज डिवाइस है जिन्हें आजकल कम्प्यूटरों में अधिक से अधिक उपयोग किया जा रहा है। चूंकि HDDs में डेटा स्टोर और प्राप्त करने के लिये कई सारे Moving Parts का उपयोग होता है उसके विपरीत SSD में NAND Flash Memory को इस्तेमाल में लिया जाता है जिसमें किसी भी तरह का मूविंग पार्ट नही होता है। यही कारण है कि SSD बहुत फ़ास्ट स्टोरेज है HDD के मुकाबले। साइज में भी SSDs छोटी होती है हालांकि कीमत के मामले में ये HDD से काफी महंगी होती है।



Secondary memory के फ़ायदे (Benefits of secondary memory)



  • यह सभी प्रकार का डाटा स्टोर कर सकता है।
  • किसी भी प्रकार के डाटा को परमानेंट स्टोर करके रखा जा सकता हैं।
  • प्राइमरी मेमोरी के मुकाबले सेकेंडरी मेमोरी की कीमत कम होती है।
  • इसका उपयोग करना आसान है।
  • इसकी मदद से एक कंप्यूटर से दूसरे कंप्यूटर में डाटा ट्रांसफर कर सकते हैं।


Secondary memory के Disadvantages



  • सेकेंडरी मेमोरी स्लो होती है।
  • डाटा रिकवरी करना बहुत मुश्किल है।
  • खराब होने पर ठीक करना मुश्किल है।



Secondary Memory की विशेषताएं


1. यह Non-Volatile प्रकृति की मेमोरी होती है।


2. इनमें डेटा को स्थायी रूप से (Permanently) स्टोर किया जा सकता है।


3. Secondary Memory में कई TB (Terabytes) डेटा स्टोर करने की क्षमता होती है।


4. इनकी कीमत Primary Memory से काफी कम होती है।




Conclusion:


हम आशा करते हैं कि यह Post आपको पसन्द आई होगी। इस पोस्ट में आपने जाना Secondary memory क्या है। और कितने Types के होते हैं और इनका क्या काम होता है। अगर आपका कोई सवाल हो इस पोस्ट से Related तो हमें नीचे Comment करे मै Reply जरूर दूंगा Thanks for Reading. ☺️!AS



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